एक दशक बाद पुनः ब्लॉगिंग की ओर वापसी

इस ब्लॉग पर 14 जुलाई 2012 को अंतिम पोस्ट लिखा था। तब से अब लगभग एक दशक बाद दिसंबर 2024 में पुन: अपने राेजगार या कह सकते हैं कि रोजीरोटी के लिए किए जाने वाले कार्य से फुर्सत निकालकर ब्लॉग के लिए कुछ समय निकालने की बहुत दिली इच्छा है, क्योंकि जीवनयापन और परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए राेजगार बहुत जरूरी है। 

मन में बहुत सारी बातें हैं, जिन्हें कहना चाहता हूँ। ताकि मन हल्का हो सके और पाठकों व ब्लॉगर साथियों से रूबरू होने का अवसर दोबारा से मिले। मुझे यह भी विश्वास है कि मेरे अनुभवों से निकली कलम की लेखनी पाठकों को प्रेरणा प्रदान करेगी।

मैं देख पा रहा हूँ कि कई पुराने ब्लॉगर जो 2012 के आसपास सक्रिय थे, वे अब सक्रिय नहीं है। मैं काफी ब्लॉगों को पढ़ता था और उन्हें फॉलो करता था। आज वे सब ब्लॉग शांत हैं। बहुत अजीब सा महसूस हो रहा है, जैसे कि कोई किसी अपने से बहुत दूर हो जाता है। कहने के लिए कुछ शब्द नहीं है, क्योंकि उन दिनों ब्लॉगस्पॉट पर काफी ब्लॉगिंग सक्रिय थी।

वर्ष 2017 तक मैं ब्लॉग पढ़ता रहा था, लेकिन उसके बाद से ब्लॉग पढ़ने का समय नहीं मिलने के कारण दूर होता चला गया। जबकि मुझे लिखने का समय नहीं मिल पाया, क्योंकि मेरे लिए रोटी के कमाना जरूरी था। मेरे लिए किराए के मकान में रहकर एक फुल टाईम और एक पार्ट टाइम जॉब करके ब्लॉगिंग के लिए लिखना मुश्किल था।

आज भी अपने व्यवसाय में होकर भी समय निकाल पाना मुश्किल है, लेकिन अब समय निकालना चाहता हूँ। अपने मन में दबी हुई कुछ बातें ब्लॉग के माध्यम से कहना चाहता हूँ। बहुत सारी बातें ऐसी भी है, जो आपको सोचने पर जरूर विवश करेगी। आज के लिए इतना ही। नई ब्लॉग पोस्ट के साथ जल्द ही मिलेगें।

Rajender Singh Bisht

मैं राजेन्द्र सिंह बिष्ट, नैनिताल, उत्तराखंड से हूँ, मूल निवास लोहाघाट, उत्तराखंड है। मुझे बचपन से ही पौराणिक और इतिहास की किताबों से लगाव रहा है। पिताजी के असमय स्वर्गवास हो जाने के कारण मेरा बचपन अन्य बच्चों की तरह नहीं बीत पाया, जिस कारण मेरी पढ़ाई बीच में ही छूट गई थी और भूख मिटाने के लिए ढाई सौ रूपये की नौकरी से शुरूवात की।

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मैंने अपने जीवन में सीखा है कि आपको अपनी सफलता के लिए आपको खुद ही काम करना होगा। यदि आप बिना कुछ करे सफलता पाना चाहते हैं तो कोई आपको सफल नहीं कर सकता है।

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