मानवाधिकार घोषणा पत्र

कोई मनुष्य किसी का दास नहीं है

सभी मनुष्य अपने अधिकारों के लिए जन्मजात स्वतंत्र और समान हैं। घोषणापत्र में निर्धारित मानवाधिकार हर नस्ल, राष्ट्रीयता, धर्म और वर्ग के व्यक्ति के लिए समान हैं।


* हर मनुष्य को जीवनयापन करने, स्वतंत्र रहने और अपनी रक्षा करने का अधिकार है।
* कोई भी मनुष्य किसी अन्य व्यक्ति का दास नहीं है।
* किसी व्यक्ति को प्रताडि़त करना या उससे क्रूरतापूर्ण व्यवहार करना उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
* किसी भी व्यक्ति को बगैर किसी कारण गिरफ्‍तार नहीं किया जा सकेगा।

* हर व्यक्ति को न्यायालय की शरण में जाने का अधिकार है।
* कोई भी व्यक्ति आरोप सिद्ध होने तक अपराधी नहीं माना जा सकता।
किसी भी व्यक्ति की निजता के साथ मनमानीपूर्वक खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।
* हर व्यक्ति को अपने राज्य की सीमाओं के भीतर आवास बनाने या अन्यत्र जाने का अधिकार है।
* सभी को विदेश जाने या लौटकर अपने देश आने का अधिकार है।

* प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रीयता का अधिकार है। किसी को भी उसकी राष्ट्रीयता से वंचित नहीं किया जा सकता।
* पुरुषों और महिलाओं को विवाह करने और अपना परिवार बनाने का अधिकार है। हर महिला के मातृत्व के अधिकार की रक्षा जरूरी है, चाहे उसकी संतान की उत्पत्ति विवाह संबंधों से हुई हो या नहीं।
* परिवार समाज की बुनियादी इकाई हैं। उन्हेंसमाज और राज्य से सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।
* सभी को संपत्ति रखने का हक है। किसी को भी मनमानीपूर्वक उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।

* सभी को निजी विचार और धार्मिक आस्था की स्वतंत्रता है।
* सभी को अपने देश की सरकार में सहभागिता करने का हक है।
* सभी को काम और आराम करने का अधिकार है।

(वर्ष 1948 में जारी किए गए अंतरराष्ट्रीय घोषणा पत्र के अंश)

1 Comments

Your thoughts are appreciated—thanks for commenting!

Previous Post Next Post